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Harnessing AI in Finance: A Symbiotic Relationship Between Humans and Technology

In today's rapidly evolving technological landscape, Artificial Intelligence (AI) is poised to revolutionize the finance industry. While concerns about AI replacing human jobs have subsided, a more nuanced understanding of the technology's potential has emerged. This blog post explores the symbiotic relationship between AI and humans in finance, highlighting the benefits, limitations, and ethical considerations involved. The Potential of AI in Finance AI offers a plethora of benefits to the finance industry, including: Automation of Tasks: AI can automate routine tasks such as data entry and report generation, freeing up human workers to focus on strategic initiatives. Enhanced Decision-Making: AI algorithms can analyze vast datasets to identify patterns and trends that may not be apparent to human analysts, leading to more informed decisions. Improved Customer Experience: AI-powered chatbots and virtual assistants can provide personalized customer support, answering queries...

परिवर्तनः सुरुवात आफैबाट गरौं ।

आफूमा सकरात्मक परिवर्तन ल्याउनुहोस् , समाज बदल्नुको साटो । समाजले सुन्न होइन देख्नमा विश्वास गर्छन् । आफू असल नबनी समाज राम्रो बनाउन सकिदैन । समाजलाई गाली नगरौं । समाज हामीले बनाएको हो, समाजले हामीलाई बनाएको हो । सकिन्छ केही दिऊ, सकिदैन चुप लागौ । सकिन्छ भने आफुलाई हरहिसावले बलियो बनाऊ, किनकि कमजोर कंधाले आफुलाई नै सम्हाल्न सकिदैन त समाजलाई के सहयोग गर्छ । तपाईंको राम्रो स्वास्थ्य, धन, विद्या, गुण,  शुभ विचार र सकारात्मक सोचले समाज स्वतः लाभ पाउँछन् । १. Purpose (Vision) उद्देश्य हुनुपर्छ, स्पष्टता चाहिन्छ । Vision with clarity you should be clear on your vision. २. Engagement त्यसमा लागि रहनु पर्छ । ३. Integrity निष्ठा (मन्त्र) Focal Point बनाउनुस् । ४. Purpose should be impactful. Society मा Purpose को Impact हुनुपर्छ । ५. Enthusiasm/passion आफ्नो काम/आफूलाई जुन काम दिइएको छ, त्यसलाई ईमान्दारीसाथ सम्पादन गर्नुपर्छ । त्यो   कामलाई मनैबाट मन पराउनुस् । मन पराएन भने कामले पनि फाइदा पाउदैन तपाईंले पनि फाइदा पाउनु हुन्न । ६. Spontaneous-Total हुनुपर्यो । ...

Entrepreneur Self-Assessment Quiz

  Entrepreneur Self-Assessment Quiz Page Entrepreneur Assessment Quiz: Should you start your own business?* To help evaluate whether you have some of the abilities to be a successful entrepreneur, take the Entrepreneur Assessment Quiz as under. Can you start a project and see it through to completion in spite of a myriad of obstacles? Yes b. No Can you make a decision on a matter and then stick to the decision even when challenged? Yes b. No Do you like to be in-charge and be responsible? Yes b. No Do other people you deal with respect and trust you? Yes b. No Are you in good physical health? Yes b. No Are you willing to work long hours with little immediate compensation? Yes b. No Do you like meeting and dealing with people? Yes b. No Can you communicate effectively and persuade people to go along with your dream? Yes b. No Do others easily understand your concepts and ideas? Yes b. No Have you had extensive experience in the type of business y...

प्रेम कविता

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  प्रेम की वास्तविक परिभाषा हमें भगवान शिव से सीखनी चहिए। दुनिया वाले भी प्रेम करते हैं मगर सिर्फ़ उस वस्तु को जो उनके उपयोग की हो। अनुपयोगी अथवा बिना कारण किसी से अगर कोई प्रेम करता है तो वो भगवान शिव ही हैं। इसलिए वो भूत भावन भी कहलाते हैं। भूतों से प्रेम करना अर्थात समाज में उन लोगों से भी प्रेम करना जो समाज द्वारा तिरस्कृत हों अथवा समाज जिन्हें उपेक्षित समझता हो व उनसे नफरत करता हो। भूत भावन भगवान शिव से हमें यह प्रेरणा लेनी चाहिए कि समाज का चाहे कोई भी वर्ग अथवा चाहे कोई भी व्यक्ति क्यों न हो अगर आप उन्हें ज्यादा कुछ न दे सको तो कोई बात नहीं, कम से कम एक प्रेम भरी मुस्कान जरूर दे दिया करो। इतनी ऊँचाई न देना ईश्वर कि धरती पराई लगने लगे, इतनी खुशियाँ भी न देना, दुःख पर किसी के हंसी आने लगे। नहीं चाहिए ऐसी शक्ति जिसका निर्बल पर प्रयोग करूँ, नहीं चाहिए ऐसा भाव किसी को देख जल-जल मरूँ। ऐसा ज्ञान मुझे न देना अभिमान जिसका होने लगे, ऐसी चतुराई भी न देना लोगों को जो छलने लगे। इतनी ऊँचाई न देना ईश्वर कि धरती पराई लगने लगे ।

तथाता का अर्थ और व्याख्या, पाखण्ड क्या है ?

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 पाखंड प्रतिमा के सामने झुकने में नही है     पाखंड तो तब है जबकि सिर्फ मस्तिष्क झुक रहा है और हृदय में कोई अनुभव नहीं हो रहा है,                          पत्थर की पूजा भी प्रेम पूर्ण हो तो      पत्थर "परमात्मा" है और                          "परमात्मा" की पूजा पत्थर की तरह          हो तो सब पाखंड है ...!                                                     ओशो "तथाता का अर्थ है। इस जगत में ऐसे रहना जैसे तुम अकेले हो। न कुछ झगड़ने को, न कुछ कलह करने को, न कोई द्वंद्व, न कोई संघर्ष। तथाता का अर्थ है, जैसी चीजें हो जाएँ वैसी स्वीकार कर लेना। मैंने सुना है, एक झेन फकीर रिंझाई एक रास्ते से गुजर रहा था। एक...

मित्रता किस से करे, मित्र के सम्बन्ध में कुछ गहरी बात । सच्ची मित्रता क्या है ?

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  सच्ची मित्रता क्या है ? मित्रता वह प्रेम है जो बिना जैविक कारणों से होता है। यह वैसी मित्रता नहीं है जैसा कि तुम सामान्य रूप से समझते हो--प्रेमी या प्रेमिका की तरह। यह जो शब्द--मित्रता है, उसे किसी भी तरह यौनाकर्षण से संयुक्त कर देखना निरी मूर्खता है। यह सम्मोहन और पागलपन है। जैविकता प्रजनन के लिए तुम्हारा उपयोग कर रही है। अगर तुम यह सोचते हो कि तुम प्रेम में हो, तो तुम गलती में हो, यह केवल हार्मोन का आकर्षण है। तुम्हारे शरीर का रसायन बदला जा सकता है और तुम्हारा प्रेम नदारद हो जाएगा। हार्मोंस का केवल एक इंजेशन, और पुरुष स्त्री बन सकता है और स्त्री पुरुष बन सकती है । मित्रता है बिना यौनाकर्षण का प्रेम। यह एक दुर्लभ घटना बन गई है। अतीत में यह महत्वपूर्ण घटना रही है, पर अतीत की कुछ महान अवधारणाएं बिलकुल खो गई हैं। यह बहुत आश्चर्यजनक है कि कुरूप चीजें हमेशा जिद्दी होती हैं,वे आसानी से नहीं मरतीं; और सुंदर चीजें बहुत कोमल होती हैं, वे आसानी से मर जाती हैं और गुम हो जाती हैं। आज कल मित्रता को केवल यौनाकर्षण के संबंध में या आर्थिक स्तर पर या सामाजिकता के तौर पर ही समझा जाता है, वह महज ...

ध्यान योग विधिः ओशो

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  शिव ने कहा है "होश को दोनों भौहों के मध्य में लाओ और मन को विचार के समक्ष आने दो। देह को पैर से सिर तक प्राण तत्व से भर जाने दो, ओर वहां वह प्रकाश की भांति बरस जाए।" वह विधि पाइथागोरस को दी गई थी। पाइथागोरस यह विधि लेकर ग्रीस गया। और वास्तव में वह पश्चिम में सारे रहस्ययवाद का उद्गम बन गया। स्रोत बन गया। वह पश्चिम में पूरे रहस्यवाद का जनक है। यह विधि बहुत गहन पद्धतियों में से है। इसे समझने का प्रयास करो: ‘’होश को दोनों भौहों के मध्य में लाओ।‘’ आधुनिक मनोविज्ञान और वैज्ञानिक शोध कहता है कि दोनों भौंहों के मध्य में एक ग्रंथि है जो शरीर का सबसे रहस्यमय अंग है। यह ग्रंथि, जिसे पाइनियल ग्रंथि कहते है। यही तिब्बतियों का तृतीय नेत्र है—शिवनेत्र : शिव का, तंत्र का नेत्र। दोनों आंखों के बीच एक तीसरी आँख का अस्तित्व है, लेकिन साधारणत: वह निष्कृय रहती है। उसे खोलने के लिए तुम्हें कुछ करना पड़ता है। वह आँख अंधी नहीं है। वह बस बंद है। यह विधि तीसरी आँख को खोलने के लिए ही है। ‘’होश को दोनों भौंहों के मध्य में लाओ ।‘’......अपनी आंखें बंद कर लो, और अपनी आंखों को दोनों भौंहों के ठीक बीच में ...